A Simple Key For prernadayak suvichar Unveiled
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जो जैसा है उसे वैसे ही अपना लो, रिश्ते निभाने आसान हो जाएंगे।
यहां से चले हैं नई मंजिल के लिए, यह तो एक पन्ना था अभी तो पूरी किताब बाकी है।
हमारे पास दो रास्ते है या तो हम सही रास्ता चुन लें या फिर कठिनाईयां हमारा रास्ता चुन लेगी।
सही कहा है किसी ने पेट भरते ही इंसान अपनी औकात भूल जाता है।
तो गलत कर्मों से भाग्य के दरवाजे कैसे खुलेंगे।
क्योंकि सुई में वही धागा जा सकता है जिस धागे में कोई गाँठ न हो।
मनुष्य में दृढ़ता होनी चाहिए जिद नहीं, बहादुरी होनी चाहिए जल्दबाजी नहीं,
यदि आप वही कर रहे है जो आप हमेशा से करते आये है,
क्योंकि बल लड़ना सिखाएगा और बुद्धि जीतना।
जो व्यक्ति स्पष्ट, साफ, सीधी बात करता है उसकी
वरना मैसेज तो कंपनी वाले भी कर देते हैं।
खुद का ख्याल रखना सीखिए अकेले चलना सीखिए अकेले जीना सीखिए।
सफलता के लिए तेज नहीं बल्कि निरंतर चलते रहने prernadayak suvichar की जरूरत है।
क्योंकि हमारी कमजोरियां हैं दुश्मनों को ताकतवर बनाती हैं।